Elevating Daily Life through Spirituality

राम – जो सब में रमा है और आप में भी रमा है
लक्ष्मण -जिसके मन का लक्ष्य केवल राम है
भरत – जो भगवान में रत है वहीं भरत है
शत्रुघ्न – जिसका कोई शत्रु नहीं और जिसकी चेतना सघन है
Who chants the name of Ram knowing his soul to be Ram, is chanting only Lord Ram…

अपनी आत्मा को राम जानकर जो राम नाम का जप करता है वह भगवान राम का ही जप करता है और राम को बगैर जाने जो राम का जप करता है वह माया का ही जप करता है।
There is never any lack of truth, truth is eternal and truth is only your soul.

सत्य का कभी भी आभाव नहीं होता ,सत्य शाश्वत है और सत्य केवल आपकी आत्मा है |